पर प्रोद्भूत ब्याज इसलिए समेकित वित्तीय वक्तव्यों का
2.
* सरलता के लिए, प्रोद्भूत ब्याज 2 दिनों के लिए माना गया है ।
3.
इसके अतिरिक्त, रेपो/प्रत्यावर्तित रेपो लेनदेन में प्रोद्भूत प्राप्त/संदत्त/ब्याज और स्पष्ट मूल्य (अर्थात् प्रोद्भूत ब्याज घटाकर कुल नकद प्रतिफल)
4.
0. 0502 (0.0635* रुपए का 3 दिन का प्रोद्भूत ब्याज-0.0133 रुपए के स्पष्ट मूल्य में अंतर का प्रभाजन)
5.
लेनदेन के दोनों चरणों के बीच संदत्त प्रोद्भूत ब्याज में अंतर को, यथास्थिति, यथा रेपो ब्याज/आय/व्यय लेखा दर्शाया जाना चाहिए; और
6.
प्रोद्भूत ब्याज के साथ ऋण के परिनिर्धारण के बाद बच रही (कोई) अधिशेष राशि उधारकर्ता के विधिक वारिस/संपदा/हिताधिकारियों को दे दी जाएगी ।
7.
बजे के बाहर काम के आधार दर पर भुगतान किया जाएगा और सभी भुगतान समय बंद आधार दर पर प्रोद्भूत ब्याज है, और सभी लाभ और कम अवधि
8.
इसी प्रकार से तुलन-पत्र की तारीख को बकाया रेपो / प्रत्यावर्तित रेपो लेनदेन में संदत्त/प्राप्त प्रोद्भूत ब्याज को तुलन-पत्र में यथा “अन्य आस्तियां” अथवा “अन्य देयताएं” दर्शाया जाना चाहिए ।
9.
लागू राशि और अनुसूचित भुगतान की शर्तें और समझौते के सहित अन्य शब्दों में, ऋण चुकौती लेकिन सीमित नहीं है, ऋण राशि की वापसी की, कार्यान्वयन और प्रोद्भूत ब्याज के बैंक, फीस और दंड के लिए भुगतान.
10.
ऐसे किसी भी मामले में उधारकर्ता बंधक रखी संपत्ति की वसीयती स्थिति अपने किसी संबंधी के पक्ष में प्रकट करेगा, जो कि ऐसे वसीयतदार द्वारा बंधक ऋण चुकाया जाने और एक ऐसे विवरण के अध्यधीन होगा कि वारिस बंधक की विधिमान्यता को और इसी प्रकार उधारकर्ता की मृत्यु की स्थिति में बंधक के प्रवर्तन के लिए बंधकग्राही के अधिकार को तब तक चुनौती देने का हकदार नहीं होगा जब तक कि वैध प्रतिनिधि ऋण मी पूरी राशि और उस पर प्रोद्भूत ब्याज चुकाने का दायित्व लेने की इच्छा प्रकट नहीं करता है ।